Saturday, 30 March 2013

मैं न जानु कि कौन हु मैं

Posted by No Filter Post on 21:42 with No comments

मैं न जानु कि कौन हु मैं, लोग कहते है सबसे जुदा हु मैं,

मैने तो प्यार सबसे किया पर ना जाने कितनों ने मुझे धोखा दिया,

चलते - चलते कितने ही अच्छे मिले, जिन्हे बहुत प्यार दिया,

पर कुछ लोग समझ न सके, फिर भी मैने बस प्यार दिया,

दोस्तों की खुशी से खुशी हुई, तेरे गम से हम दुखी हैं,

तुम हंसो तो खुश हो जाऊंगा, तेरे आंख में नमी हो तो मनाऊंगा,

मेरे सपने बहुत बडे़ हैं पर अकेले हैं हम, अकेले है...

फिर भी चलता रहुंगा, ये दुनिया बदल जाए कितनी भी, पर मैं नहीं बदलुंगा,

जो बदल गये वो दोस्त थे मेरे, पर कोई नहीं पास है मेरे,

प्यार होता तो क्या बात होती, कोई तो होगी कहीं न कहीं,

शायद तुमसे अच्छी यहां कोई नहीं, न हीं इस दुनिया में तुम्हारे जैसी,

आसमान को देखा है मैने, मुझे जाना है वहा, जमीन पर चलना नही,

मुझे जाना है वहां, पता है टुट कर गिर जाऊंगा, फिर उठने का विश्वास है, मै अलग बनकर दिखलाऊंगा,

पता नही ये रास्ते ले जाये कहां, न जाने खत्म हो जाये किस पल कहां,

फिर भी आप सब के दिलों में जिन्दा रहुंगा, यादों में सबकी याद आता रहुंगा...



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